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जाइ छी ताही देश दधि-सुत, जाइ छी ताही देश / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जाइ छी ताही देश दधि-सुत, जाइ छी ताही देश
जहाँ बसथि मोहि श्याम सुन्दर, धरथि नटवर वेश
नन्दक नन्दन जगत वन्दन, सकल भवन के नरेश
शोभा सिंधु मोहिनी मुरति, कुटिल काम दिनेश
सुभग शीतल अमृत दाता, कहब हुनि इहो उपदेश
मोहि अनाथ के नाथ करू प्रभु, कहथि बूढ़ सन्देश