विटामिन ज़िन्दगी: “मैंने इतनी रोचक और पाठक को जोड़े रखने वाली आत्मकथा नहीं पढ़ी है। विटामिन ज़िन्दगी ख़ुद को पढ़वाना जानती है।” महादेव कुमार ठाकुर [ Amazon | Flipkart]
बहुत दिनों बाद मैं बाजार निकली
तो लगा
कि चीजें मेरे इंतजार में हैं
इंतजार में है
एक पुरी दुनिया
खासर मेरे लिए
खुलने को बेचैन
यह क्या हुआ
कि मैं बाजार में पहुंची
चीजें सब वहीं थाी
सलीके से लगी हुई
मैं ही नहीं रह गई थी अपनी जगह