बाबू हवले हवले[1] जइयो[2] ससुर के गलिया।
तुमरे सेहरे ऊपर खिली है, अनार कलिया।
अनार कलिया जी, गुलाब कलिया॥1॥
बाबू हवले हवले जइयो, साले की गलिया।
तुमरे सेहरे पर फूली है, अनार कलिया।
बाबू लाड़ो[3] लेते अइयो[4] अब्बा की गलिया॥2॥
शब्दार्थ
- ↑ धीरे-धीरे
- ↑ जाना
- ↑ दुलहन
- ↑ आना