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कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ? / गढ़वाली
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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‘कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ?’
”कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ?
देखी भलो ऐन सैवो तेरो मलेथ।“
”ढलकदी[1] कूल[2] मेरा मलेथ
गाँऊ मुड़े को धारो मेरा मलेथ
पालिंगा[3] को बाड़ी मेरा मलेथ
छोलिंग बिजोरा[4] मेरा मलेथ
गांयियों को गुठधार[5] मेरा मलेथ
भैंस्यों का खरक[6] मेरा मलेथ
बैजूका बांदूका[7] लड़का[8] मेरा मलेथ
वैखूका[9] डसक[10] मेरा मलेथ
देखी भलो ऐन सैवो मेरा मलेथ।“