जीतू बगडवाल / भाग 2 / गढ़वाली लोक-गाथा
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
पैठीगे[1] तब जीतू, बैणी[2] का गऊँ[3],
राणी पटूड्या तब, तैकी[4] गाली देन्दी।
जाँदू होई मेरा स्वामी, औंदू ना होई,
स्याली[5] का खातर तू, पैटी वैणी बैदोण[6]!
विदा लिने जीतून, रस्ता लगे वो,
चल्दू रै वो ऊँची तौं घैड़ियों[7],
ऊँची घैड़ियों चढ़े जीतू गैरी[8] त पाख्यों[9],
कलबली[10] कुलै[11] छै वख, देउदार छा स्वाणा,
हँया डाँला छा, फूलून जना ढक्याँ!
पौंछी गये जीतू, रैथल[12] की थाती,
घड़ांदी[13] दोफरी छई, तढांदो[14] घाम,
तड़ांदा घाम मा, जीतू सेल[15] बैठोगे।
तमाखू पीयाले तैन, साध्यान[16] लीयाले,
हौंस्यारी[17] पराण वेो, उलारिया[18] गए।
हाथ गाडयाले[19] वैन[20], नौसुर[21] मुरली,
नौसुर मुरली धरे, धावड़या बाँसुली।
बावरो छयो जीतू, उलारिया ज्वान[22],
मुरली को हौंसिया छयो, रूप् को रौंसिया।
घुराये[23] मुरली वैन, डाँडी[24] बीजीन[25] काँठी[26],
वणा का मिरगून, चरणू छोड़ी दिने,
पंछियोंन छोड़ी दिने, मुख को त गालो।
कु होल चुचों स्यो, धावडया[27] मुरल्या[28],
तैकी मुरली मा क्या, मोहनी होली।
बिजी गैन बिजी, खैट की आछरी[29],
जीतू की आँख्यों मा, जनो शीशो[30] चमलाणी[31]।
छमछम घूँघर बजीन, जीतू की आँखी मुंजीन[32],
क्वी बैणी बैठीन, आँख्यों का स्वर,
क्वी बैणी बैठीन, कन्दूड्यों[33] का घर।
छालो पिने लोई[34], आलो खाये मास पिंड,
पन्द्र[35] पचीसी जीतू, रैंथल थाती रैगे।
अख्हर जवानी जीतू, भुंचण[36] नी पायो।
तिन नी माणो जीतू, माता की अड़ैती[37],
फँसी गए कनो, आछन्यों का घेरा।
सुमिरण करदो जीतू बगूड़ी भैंरो[38],
कख हैवैली मेरी, कुलदेवी भवानी?
आज मैं पर ऐगी, विपदा भारी,
बीच बाटा मा कनी होये, मेरी मोल[39] की मरास[40]।
दैणो[41] ह्वैगे तब, जीतू को बगूड़ी भैरों,
नौ वैणी आछरी तब, छूटी गैन।
तब जीतून ऊँ देन्दु, दिन्या धरम[42]-
आज मैं जाँदू बैणी वैदोण,
छै गते आषाढ़ लंगला को दिन।
तै दिन तुम मेरी, तैं मोल पुंगड़ी आन।
तब मन ह्वैगे उदास, जीतू,
चित्त ह्वैगे चंचल।
तब पौंछी गए जीतू, बैणी का गऊँ
मिली गये वीं बैणी शोभनी।
तब आये वा, स्याली[43] त वरुणा।
सेवा मेरी पौंछे, वीं स्याली वरुणा
सेवा मैं खरी लाँदूँ, भैना[44] बगीड्वाल।
तेरी खातर छोड़े, स्याली बाँकी बगूड़ी,
बांकी बगूड़ी छोड़े, राण्यों की दगूड़ी[45]।
छतीसू कुटुम्ब छोड्यो, बतीसू परिवार
घिटुड़ियों[46]जसो रत्थ[47] छोड़े, चकौरू जसी टोली।
तेरा बाना[48] छौड़े मैन भैना-
दिन को खाणो, रात की सेणो।
तेरी माया[49] न स्यालीं, जिकूड़ी[50] लपेटीं,
कोरी-कोरी खाँदो, तेरी माया को मुंडारो[51]।
जिकुड़ी कौ त्वै[52], पिलैक अपणी
परौसणू[53] छौं तेरी, माया की डाली।
अब त मरीक ही, मिटलो स्याली,
त्वै[54] मेंजे को हेत[55]।
यू डाँड्यूँ मा तेरी, फूल फूलला,
झपन्याली होली बुराँस डाली।
रितु बौड़ी औली, दाँई जसो[56] पेरो,
पर तेरी मेरी भेंट स्याली,
कु जाणी[57] हौंदी कि नी होंदी?
बौड़ीक ऐ गए जितू, तैं बाँकी बगूड़ी,
ओडूं[58] नेडूं ऐगे, लुंगला को दिन,
घटू की रिगाई ह्वैगे, सामल[59] की पिसाई।
चौखम्भ्या तिवारी जितू, होये मंगलाचार।
मुड़ायूं[60] गुड़ाखू[61] पैट्यो[62], घुंघरियालो[63] होका[64],
पौंछी गए बल्दू की जोड़ी, मलारी[65] का सेरा[66],
तब जोतेण लैग्या जीतू, का घौला[67] त बुल्ला[68]।
मलारी का सेरा, शुरू होइगे रोपण,
सेरू सैंक ऐगे तैं, मोल पुँगड़ी।
एक फाट उंडो लीगे, जीतू एक फाट फुंडो,
फीकू ह्वै गए ज्यू, जीतू जी को।
तबे[69], वीं मोल पुंगड़ी[70] छुटे घेंटुडी[71] रथ,
मलेऊ[72] सी भिड़को[73]।
नौ बैणी आछरी[74] ऐन बार वैणी भराड़ी[75],
क्वी बैणी बैठीन, कन्दूडयों का घर,
क्वी बैणी बैठीन, आंख्यों का स्वर।
छालो पिने लोई आलो खाये मासपिण्ड।
अगुंडो छयो जीतू, पछिडू फरकी,
स्यूँ [76] बल्दू जोड़ी जीतू, डूबी गए,
मलारी का सेरा, जीतू खोई गए।
अल्हर जवानी जीतू, मुंचण[77] नो पाए,
लाखडू[78] सी ताबू[79] होये, पिंडालू-सी भाड़
बत्तीसू कुटुम्ब तेरो, तै मलारी सेरा रैगे,
बावरो नी होन्दू जीतू, नी होन्दू विणास[80]।
- ↑ चल पड़ा
- ↑ बहन
- ↑ गाँव
- ↑ उसकी
- ↑ साली
- ↑ बुलाने
- ↑ चोटियाँ
- ↑ गहरी
- ↑ घाटियाँ
- ↑ सुन्दर
- ↑ चीड़
- ↑ एक जगह
- ↑ तपती
- ↑ कड़ी
- ↑ छाया
- ↑ आराम
- ↑ भावुक
- ↑ मस्त
- ↑ निकाल दी
- ↑ उसने
- ↑ नौ स्वरवाली
- ↑ जवान
- ↑ बजायी
- ↑ पहाड़ियाँ
- ↑ जाग गयी
- ↑ चोटियाँ
- ↑ मोहक
- ↑ मुरलीवाला
- ↑ अप्सराएँ
- ↑ दर्पण
- ↑ चमका
- ↑ मुँद गयी
- ↑ कान
- ↑ खून
- ↑ जवानी
- ↑ भोगने
- ↑ कहना
- ↑ भैरव
- ↑ गोबर
- ↑ ढेर
- ↑ सहायक
- ↑ वचन
- ↑ साली
- ↑ जीजा
- ↑ साथ
- ↑ गौरय्या
- ↑ झुंड
- ↑ लिए
- ↑ प्रेम
- ↑ हृदय
- ↑ सिरदर्द
- ↑ खून
- ↑ सींच रहा, पालना
- ↑ तेरे से
- ↑ प्रेम
- ↑ जैसे
- ↑ कौन जाने
- ↑ जल्दी-जल्दी
- ↑ सामान
- ↑ मीठा
- ↑ तम्बाकू
- ↑ रखा
- ↑ घूंघरवाला
- ↑ हुक्का
- ↑ एक जगह
- ↑ खेत
- ↑ बैलों का नाम
- ↑ बैलों का नाम
- ↑ तभी
- ↑ खेत
- ↑ उड़ता
- ↑ एक पक्षी
- ↑ स्वर
- ↑ अप्सराएँ
- ↑ यक्षणियाँ
- ↑ सहित
- ↑ भोगने
- ↑ लकड़ी
- ↑ लिया
- ↑ विनाश