बन के करिखा[1] सिउजी, बने[2] धधकवलन[3]।
ओहे करिखा सिउजी, भभूति चढ़वलन[4]॥1॥
कहवाँ नेहयलऽ सिउजी, कहवाँ छोड़लऽ झोरी[5]
कउने अमलिए[6] सिउजी, मोतिया हेरवलऽ[7]॥2॥
जमुना नेहइली गउरा देइ, गंगा छूटल झोरी।
भँगिए[8] अमलिए गउरा देइ, मोतिया हेरइली॥3॥
देखलों में देखलों गउरा देइ, तोहरो नइहरा[9]।
फूटल थारी[10] गउरा देइ, चुअइत[11] लोटा।
लाजे न परसे[12] गउरा देइ, तोहरो महतारी॥4॥
जब तुहूँ उकटलऽ[13] सिउजी, हमरो नइहरा।
हमहूँ उकटबो सिउजी, तोरो बपहरा[14]॥5॥
सातो कोठिलवा[15] सिउजी, सातो में पेहान[16]।
हाँथ नावे[17] चलली सिउजी, एको में न धान॥6॥
छनियाँ[18] एक देखली सिउजी, ओहो तितलउका[19]।
चेरिया एक देखलीं सिउजी, सबुजी[20] सेयान।
बावाँ[21] गोड़[22] लँगड़ी, दहिना आँख कान[23]॥7॥
बएला[24] एक देखली सिउजी, गोला[25] रे बरधवा[26]।
कउआ[27] मारे ठोकर सिउजी, दँतवा निपोरे[28]॥8॥
- ↑ कालिख
- ↑ वन में ही
- ↑ जलाया
- ↑ चढ़ाया, लगाया, धारण किया
- ↑ झोला
- ↑ अमल में, नशे में
- ↑ भुला दिया, खो दिया
- ↑ भाँग के
- ↑ नैहर, मायका, ज्ञाति$गृह
- ↑ थाली
- ↑ चूता हुआ
- ↑ परसना, परोसना, थाल में भोजन लगाना
- ↑ उघटन, दबी-दबाई बात को उभाड़ना
- ↑ बाप का घर
- ↑ अन्न रखने की कोठी
- ↑ ढक्कन
- ↑ लगाने, डालने
- ↑ छप्पर, छादन
- ↑ तीता कद्दू
- ↑ सब्ज रंग की, साँवले रंग की
- ↑ वाम, बायाँ
- ↑ पैर
- ↑ काना
- ↑ बैल
- ↑ पीले और लाल रंग का रोमवाला। इस रंग का बैल किसी काम का नहीं होता। कहावत है-‘कइल, करियवा, गोला, तीनों माघ में ढोला।’
- ↑ बैल, बलीवर्द
- ↑ काक, कौआ
- ↑ निपोड़ना